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आदमी जब बेचैन होता है तो ऊपर से बिल्कुल शांत दिखता है। वह सबकुछ सामान्य दिखाने की सफल कोशिश करता है। सबसे गर्मजोशी से मिलना, हँसकर बातें करना, आपकी जरुरी बातों को ध्यान दिलाना जैसे सारे काम करता है। लेकिन ध्यान से देखें तो आपको उसकी हँसी में एक फीकापन, एक बनावटीपन और एक औपचारिकता ज़रूर दिखेगी जिन्हें वो छुपाना चाहते हैं। अगर आप किसी अपने को लंबे अरसे से जान रहे हैं तो आप उस अभिनय को पहचान लेंगे अन्यथा आपका होना उसके लिए व्यर्थ है। हर आदमी चाहता है कि उसकी उदासी पढ़ी जाए उसके किसी प्रिय द्वारा। आप वो प्रिय नहीं बन पा रहे तो उसमें आपकी विफलता है। आखिरी बार आप में से कितने लोगों ने बिना कारण के किसी अपने दोस्त या प्रिय को मैसेज/ कॉल करके उससे उसका हाल पूछा है? अगर आप हैं तो आपको मोहब्बत भेज रहा हूं और बाकियों को लानतें। जीवन जीने का एक ही और अंतिम तरीका है स्वयं को खुश रखने के साथ- साथ अपने आसपास के लोगों का ख्याल रखना। आपसे में से कुछ लोग होंगे जो कहेंगे कि " मैं ही क्यों रखूं?" बात ऐसी है कि जहां हम कारण ढूंढने लगते हैं वहाँ केयर नहीं होती, वहाँ प्रेम नहीं होता।...