प्रेम इस तरह किया जाए।


प्रेम इस तरह किया जाए

कि प्रेम शब्द का कभी जिक्र तक न हो

चूमा इस तरह जाए

कि होंठ हमेशा सफलत में रहें। तुमने चूमा

या मेरे ही निचले होंठ ने औचक ऊपरी को छू लिया

छुआ इस तरह जाए

कि मीलों दूर तुम्हारी त्वचा पर

हरे-हरे सपने उग आएँ

तुम्हारी देह के छज्जे के नीच अंधेरे रंग बजाएँ

रहा इस तरह जाए कि नींद के भीतर एक मुस्कान तुम्हारे चेहरे पर रहे

जब तुम आँख खोलो, वह भेस बदल ले

प्रेम इस तरह किया जाए

कि दुनिया का कारोबार चलता रहे किसी को खबर तक न हो कि प्रेम हो गया
खुद तुम्हें भी पता न चले

किसी को सुनाना अपने प्रेम की कहानी तो कोई यक़ीन तक न करे

बचना प्रेमकथाओं का किरदार बनने से वरना सब तुम्हारे प्रेम पर तरस खाएँगे ।

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