पढ़िए ये आपको काम आएगी।

1. कहीं से कोई चमत्कार नहीं होने वाला। वो केवल आप हैं जो चमत्कार कर सकते हैं , कर सकती हैं । अपनी हौसलों, मेहनत और निरन्तरता के बल पर आप सब कुछ पा लेंगे जो आपने सोचा था। और यही आपका चमत्कार होगा। 2. बाहर से कोई भी आपकी मदद नहीं कर सकता। आप परेशान हैं, टूट चुके हैं, बिस्तर और कम्फर्ट हावी हो गया है, टालमटोल, सुस्ती, लक्ष्य से भटकाव इत्यादि के चक्र में फँस चुके हैं। तो केवल आप ही स्वयं की मदद कर सकते हैं। बाहर से कोई मदद करना भी चाहे तो कारगर नहीं होगा। 3. मौन ही आपका पथप्रदर्शक है। जब भी आप कहीं फँस गए हों। जीवन के किसी बिंदु पर समझ नहीं आ रहा क्या करा जाए। जीवन कई पहलुओं पर उलझ गया हो, मन पर नियंत्रण न रह रहा हो, कुछ भी आप समझ न पा रहे हों तो एक एकांत चुने और मौन हो जाएं। इस मन का स्त्रोत मौन ही है। करके देखे सब स्पष्ट हो जाएगा। 4. स्वयं के प्रति उत्तरदायित्व। आप ऐसे समझें कि आप हील स्टेशन पर एक वाहन चला रहे हैं जिनमे आपका परिवार भी सफ़र कर रहा है। आप यहाँ पर गलती नहीं कर सकते। आपकी एकाग्रता यहाँ पर चरम बिंदु पर होगी। आपको पता होगा कि मेरी एक गलती मेरा परिवार का जान ले लेगा। इसीलिए जब आप किसी उद्देश्य पर काम कर रहे हों तो खुद के प्रति जिम्मेदार रहें और महसूस करें कि मेरी एक गलती मेरा परिवार को कितनी हानि पहुँचा सकता है। सबको आपसे उम्मीदें हैं आप उन पर पानी नहीं फेर सकते। 5. दूसरों से उम्मीदें पालना। हम समस्याओं में घिरे रहने के बाद भी एक और समस्या पालते हैं कि किसी से उम्मीद करें। चाहे रिश्ते हों, प्रेम हो, मित्र हो या कोई भी जान पहचान हो... किसी से क्यूँ उम्मीदें पालना। परिवार और खुद के अलावा आपका कोई नहीं है। 6. जब सभी व्यस्त हैं तो आप क्यूँ मुफ्त में खुद को बांट रहे हो। व्यस्तता ही इस सदी का सत्य है। आपको धन कमाने के लिए व्यस्त होना पड़ेगा। ये संसार धन रूपी देवता को आज से नहीं प्राचीन काल से पहचानती है। आप खुद को ढीला-ढाला और खुद के प्रति हीनता क्यूँ भरते हैं। आप किसी के बुलाये पर चले जाते हैं बिना यह सोचे कि मेरी प्राथमिकताएँ क्या हैं? अपनी प्रारयोरिटी और जन्मदाता के प्रति ईमानदारी ही जीवन को आगे ले जाएगा। ✨🌱🙏❤️

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