बसंत 🌱 पंचमी।💛
कर्तव्यों की यात्रा होनी चाहिए भविष्य के आदर्श की स्थापना की।
ये यात्रा होनी चाहिए, स्वयं को परिष्कृत, परिमार्जित करने की, चरित्र की स्थापना की, व्यक्तित्व के अनवरत विकास की।
ये यात्रा होनी चाहिए परिवार के आदर्श की, समाज के दिव्य संस्कार की, लोकमंगल के अपार धैर्य की, समाज में समन्वय के प्रतीक की।
ये यात्रा ऐसी होनी चाहिए जिससे यह स्पष्ट हो कि जीवन के विभिन्न चरणों में आपका कर्म क्या हो।
कर्तव्य यात्रा अनवरत चलती रहे।
आज बसंत पंचमी के महान पर्व पर आप सभी को बसंत ऋतु के आगमन और विद्या की देवी मां सरस्वती पूजा पर्व की अनंत शुभकामनाएं।
ऋतुराज बसंत हम सभी के ज्ञान की परिधि को अनंत तक पहुंचाए।
सोचने की क्षमता को सुदृण करें। विवेक के उच्चतम स्तर तक पहुंचाए और हमें संवदेनशील बनाए रखें। बसंत की ऊष्मा से हम सर्वदा सुचारू रहें। बसंत हमारी जड़ता को समाप्त कर हमारे जीवन प्रवाह का अनंत प्रसार करते रहें।
मां सरस्वती हम सभी की चेतना को ज्ञानोन्मुख करें।
Comments
Post a Comment
संदेश की अपेक्षा है