हलासन:- विधि एवं फायदे


हलासन (Halasana) योग का एक महत्वपूर्ण आसन है, जिसे संस्कृत में "हल" (हल या प्लाउ) और "आसन" (स्थिति) से लिया गया है। इस आसन का अभ्यास शरीर को लचीला, मजबूत और तनावमुक्त बनाने में सहायक होता है।

विधि (Halasana Steps):

1. पीठ के बल लेट जाएं और हाथों को शरीर के पास सीधा रखें।


2. पैरों को एक साथ रखते हुए धीरे-धीरे ऊपर उठाएं, ताकि वे 90 डिग्री का कोण बना लें।


3. फिर पैरों को सिर के पीछे ले जाएं, जब तक कि पैर जमीन को स्पर्श न करें।


4. हाथों को सीधा रखें या पीठ को सहारा देने के लिए कोहनियों को मोड़कर कमर पर रखें।


5. सिर, गर्दन और कंधों पर भार रखते हुए मुद्रा को स्थिर करें।


6. सामान्य रूप से सांस लेते रहें और 15-30 सेकंड तक इस स्थिति में रहें।


7. धीरे-धीरे मूल स्थिति में वापस आएं।




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लाभ (Benefits of Halasana):

1. रीढ़ की लचीलापन बढ़ाता है: रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाता है।


2. पाचन तंत्र को सक्रिय करता है: पेट के अंगों पर दबाव पड़ता है, जिससे पाचन सुधरता है।


3. तनाव और थकान कम करता है: मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव दूर करता है।


4. थायरॉयड और हार्मोनल संतुलन: गर्दन और थायरॉयड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।


5. मोटापा कम करता है: पेट और जांघों की चर्बी घटाने में सहायक है।




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सावधानियां (Precautions):

1. गर्दन या पीठ दर्द से पीड़ित लोग इसका अभ्यास योग शिक्षक की देखरेख में करें।


2. उच्च रक्तचाप, हृदय रोग या स्पॉन्डिलाइटिस वाले लोग इसे न करें।


3. गर्भवती महिलाओं को यह आसन करने से बचना चाहिए।


4. इस आसन को खाली पेट करना चाहिए।



हलासन एक अद्भुत योग मुद्रा है, जो शरीर को स्वस्थ और मन को शांत रखने में मदद करती है। इसे नियमित रूप से करने से शरीर में ऊर्जा और संतुलन बना रहता है।

ओम् ♾️ 🍃 🌼 ❤️ 

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